1. थोड़ा और चाहते हैं तुम्हारी आंखों की मस्ती और प्यार भरी बातें मिलने आती हो इतना जल्दी निकल जाती हो जब तक सोचता हूं इजहार करने को वादा करके निकल जाती हो दूसरी मुलाकात करने को 2 .हमारी वफा को इतनी आसानी से भूल जाओगे कभी सोचा ना था तुम्हारे आदेश पर हर मांग पूरी की बेवफा होने का कारण समझ नहीं आता 3 .जिंदगी सुकून में थी जब कुंवारा था कोई किच- किच नहीं थी जबसे शादी हुई आजादी गई तन्हाईयों का दौर शुरू हो चुका है 4. कभी आंखों से कभी होठों से उसके इशारों ने जीना दुश्वार कर दिया है अब दिल का करार खोने लगा है मुझे उससे धीरे धीरे प्यार होने लगा है