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मन ही मन में करते हैं

मन ही मन में करते हैं मोहब्बत इजहार करते नहीं है वह ना जाने क्यों मैंने उनकी आंखों में जो मोहब्बत देखी है उनके होठों से सुनने को बेकरार रहती हूं आज सारे जहां से कह दो कि मैं उनसे प्यार करती हूं

आपका प्यार यूं ही उम्र भर मिलता रहे

आपका प्यार यूं ही उम्र भर मिलता रहे ख्वाहिशों की गलियों में आपका प्यार बहता रहे मैं डूबता रहूं चाहतों की दरिया में सपनों की तरह जिंदगी खिल जाए यह सच है कि तनहाइयों में जीना कौन चाहता है